वर्तमान जीवनशैली में, हम वसायुक्त सभी चीजों को अपनी डाइट से बाहर करते जा रहे हैं । मक्खन की बात करें, तो कभी पुराने जमाने में रोटी के साथ ढेर सारा मक्खन सुबह के नाश्ते में शामिल किया जाता था, आज हम उसे पूरी तरह से नजरअंदाज करने लगे हैं। लेकन क्या आप जानते हैं, कि मक्खन खाने के भी अपने ही कुछ फायदे हैं।
मक्खन
दही को मथकर मक्खन निकाला जाता है। मक्खन छोटे-बड़े सभी के लिए अमृत क
समान है। घी की तुलना में मक्खन तेजी से पचता है।
ताजा मक्खन बहुत स्वादिष्ट होता है। छाछ को मथकर मक्खन बनाया जाता है। संतुष्टि और स्वाद देने का गुण ताजा मक्खन में ही होता है।
बासी मक्खन लंबे समय तक नमकीन, तीखा और खट्टा हो सकता है, इसलिए इसके सेवन से उल्टी, बवासीर, कुष्ठ, कफ आदि रोग हो सकते हैं।
मक्खन को बच्चों के मसूढ़ों पर मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।
मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से हाथ-पैरों की जलन में आराम आता है।
चिरमी के फूल का चूर्ण बनाकर इसके चूर्ण को घी या मक्खन में मिलाकर छालों पर लगायें। इसको रोजाना 2 से 3 बार छालों पर लगाने से छाले जल्द खत्म हो जाते हैं।
लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग स्वर्ण बसन्त मालती सुबह-शाम मक्खन-मिश्री के साथ सेवन करने से आंख आना, आंखों में कीचड़ जमना, आंखों की रोशनी कमजोर होना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।
लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग यशद (जस्ता) भस्म (राख) को मक्खन, मलाई या शहद के साथ सुबह और शाम को दें। इसे आंख में लगाने से पैत्तिक, पित्त से पैदा हुआ रतौंधी (रात में न दिखाई देना) रोग दूर होता है।
के दूध से बने मक्खन को फूल की थाली में पानी डालकर 101 बार धोकर सिन्दूर मिलाकर स्तनों के अगले भाग के कटे या फट जाने पर लगाने से लाभ मिलता है।
मक्खन में नमक मिलाकर लगाने से होठ नहीं फटते है।