दीपोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहली बार अयोध्या आगमन हो रहा है। प्रधानमंत्री श्रीराम के राजतिलक में महृषि वशिष्ठ की भूमिका निभाएंगे। इस बार पुष्पक विमान के स्वरूप में हेलीकाप्टर का प्रयोग किया जाना है जिसमे न केवल श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण आएँगे बल्की भारत और शत्रुघन भी लाए जाएंगे। पूर्व में दीपोत्सव के दौरान हमेशा मुख्यमंत्री योगी द्वारा भगवान् श्री राम का राजतिलक किया जाता रहा है परन्तु इस बार प्रधानमंत्री मोदी महृषि वशिष्ठ की भूमिका निभाएंगे और और श्रीराम और माता सीता का राजतिलक कर आरती उतारेंगे।
दीपोत्सव को पहले से अधिक भव्य और ऐतिहासिक बनाने के हर बिंदु पर जोर शोर से तैयारियां करी जा रही हैं। राम के पैड़ी के आसपास मौजूद सभी भवनों को एक ही रंग में रंगा जा रहा है। रामनगरी अयोध्या रौशनी से जगमगा उठे इसके लिए हर एक खम्बे, प्रत्येक पुल, गली-मोहल्ला, चौराहा, घाट व मंदिर में मौजूद लाइटिंग की व्यवस्था और भी भव्य तरीके से की जा रही है। पार्क में भव्य रामदरबार सजाया जा रहा है। जहाँ पर माता सीता सहित प्रभु राम अपने अनुजों व हनुमान संग विराजेंगे। रामदरबार के ठीक सामने मौजूद स्थान पर अतिथियों जैसे पीएम, सीएम, राज्यपाल व अन्य के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। इसी स्थान पर संत-धर्माचार्यों के बैठने की भी व्यवस्था की जा रही है।
दीपोत्सव के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरयू के तट पर 5100 बाटी की महाआरती करी जाएगी। आरती के समय पीएम मोदी के साथ केवल मुख्यमंत्री योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ही मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी के आतिशबाजी दर्शन के लिए 30 गुणे 20 वर्गफीट का एक मंच भी तैयार किया जा रहा है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास द्वारा प्रधानमंत्री को धर्मध्वजा और विजय पताका भेंट की जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या को कई योजनाओं की सौगात दे सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या होकर गोरखपुर जाने वाले चार लेन को बढ़ाकर छह लेन किया जाना है। इसका डीपीआर बनकर तैयार है। इसके अलावा रिंग रोड की योजना को भी पीएम हरी झंडी दे सकते हैं। इसकी लागत 2888 करोड़ रूपए है। राममंदिर जाने वाले तीन मार्गों का भी शिलान्यास होना है। रामपथ, भक्तिपथ व धर्मपथ के रूप में इन तीनों मार्गों को 1500 करोड़ से विकसित किया जाना है