जब कोई बहुत ज्यादा बुरी मानसिक स्थिति से गुजरता है तो एकदम अवसाद में चला जाता है इसी अवसाद की वजह से लोग ज्यादातर युवा आत्यमत्या कर लेते हैं। जिससे उनके परिवार पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। हर साल 10 सितंबर को वर्ल्ज सुसाइड प्रिवेंशन डे (विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस) मनाया जाता है। इसे लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है। आत्महत्या के बढ़ते मामलो को रोकने के लिए इसे 2003 में शुरु किया गया था। इसकी शुरुआत आईएएसपी (इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन) द्वारा की गई थी। आइए जानते हैं
इस दिवस को स्वास्थ्य संगठन और मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन द्वारा को-स्पॉन्सर किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। हर साल लगभग 8 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि इससे भी अधिक संख्या में लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। यह स्थिति बहुत डराने वाली है। इससे पता चलता है कि आज के टाइम में लोगों में कितना ज्यादा मानसिक तनाव है। इस डेटा के मुताबिक दुनियाभर में 79 फीसदी आत्महत्या निम्न और मध्यवर्ग वाले देशों के लोग करते हैं।
युवा वर्ग के लोग आत्महत्या जैसे घातक कदम ज्यादा उठाते हैं। इसकी कई वजह होती है जैसे पढ़ाई का प्रेशर, करियर प्रॉब्लम्स और खराब होते रिश्तें भी इसकी एक मुख्य वजह हैं। समाज में महिलाओं द्वारा आत्महत्या का प्रयास ज्यादा किया जाता है, जिसमें दहेज जैसी कुप्रथा भी एक बड़ी वजह है।