उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डंडा-द्वितीय हिमस्खलन में मारे गए लोगों में प्रसिद्ध पर्वतारोही सविता कंसवाल, जिन्होंने 15 दिनों के भीतर माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर चढ़ाई करके राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।
उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बुधवार को उनके निधन की पुष्टि की। उसका शरीर अब तक निकाले गए चार शवों में शामिल है।
पर्वतारोहियों का 41 सदस्यीय दल मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर चोटी पर चढ़कर लौट रहा था।
सुश्री कंसवाल ने एनआईएम में एक प्रशिक्षक के रूप में काम किया और द्रौपदी का डंडा- II में प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की टीम के साथ थीं।
उनके निधन की खबर मिलते ही जिले के उनके लोंथरू गांव में मातम छा गया।
सुश्री कंसवाल ने इस साल की शुरुआत में 15 दिनों के भीतर माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर चढ़ाई करके राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।
कर्नल बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र में अपेक्षाकृत नई होने के बावजूद उन्होंने पर्वतारोहण की दुनिया में अपने लिए एक जगह बना ली है।
सुश्री कंसवाल ने 2013 में एनआईएम से अपना बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू और पर्वतारोहण प्रशिक्षक पाठ्यक्रम किया था और 2018 से संस्थान में प्रशिक्षक के रूप में काम कर रही थीं।
कर्नल बिष्ट ने कहा कि सुश्री कंसवाल संस्थान की सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों में से एक थीं।
राधेश्याम कंसवाल और कमलेश्वरी देवी के घर जन्मी, वह चार बहनों में सबसे छोटी थीं।